Stories Of Premchand
26: जयशंकर प्रसाद की लिखी कहानी सुनहला साँप, Sunahala Saanp - Story Written By Jaishankar Prasad
- Author: Vários
- Narrator: Vários
- Publisher: Podcast
- Duration: 0:09:07
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Informações:
Synopsis
‘‘यह तुम्हारा दुस्साहस है, चन्द्रदेव!’’ ‘‘मैं सत्य कहता हूँ, देवकुमार।’’ ‘‘तुम्हारे सत्य की पहचान बहुत दुर्बल है, क्योंकि उसके प्रकट होने का साधन असत् है। समझता हूँ कि तुम प्रवचन देते समय बहुत ही भावात्मक हो जाते हो। किसी के जीवन का रहस्य, उसका विश्वास समझ लेना हमारी-तुम्हारी बुद्धिरूपी ‘एक्सरेज़’ की पारदर्शिता के परे है।’’-कहता हुआ देवकुमार हँस पड़ा; उसकी हँसी में विज्ञता की अवज्ञा थी। चन्द्रदेव ने बात बदलने के लिए कहा-‘‘इस पर मैं फिर वाद-विवाद करूँगा। अभी तो वह देखो, झरना आ गया-हम लोग जिसे देखने के लिए आठ मील से आये हैं।’’ ‘‘सत्य और झूठ का पुतला मनुष्य अपने ही सत्य की छाया नहीं छू सकता, क्योंकि वह सदैव अन्धकार में रहता है। चन्द्रदेव, मेरा तो विश्वास है कि तुम अपने को भी नहीं समझ पाते।’’-देवकुमार ने कहा। चन्द्रदेव बैठ गया। वह एकटक उस गिरते हुए प्रपात को देख रहा था। मसूरी पहाड़ का यह झरना बहुत प्रसिद्ध है। एक गहरे गड्ढे में गिरकर, यह नाला बनता हुआ, ठुकराये हुए जीवन के समान भागा जाता है। चन्द्रदेव एक ताल्लुकेदार का युवक पुत्र था। अपने मित्र देवकुमार के साथ मसूरी के ग्रीष्म-निवास में सुख और स्वास्थ्य की ख