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लोकसभा सीटों का बंटवारा कैसे हो? Delimitation: Opportunity for a Grand Bargain

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Synopsis

एक वोट, एक मूल्य ये प्रजातंत्र का मूल सिद्धांत है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए, बदलती जनसंख्या के साथ लोकसभा की सीटों का बंटवारा भी बदलने की व्यवस्था हमारे संविधान में की गयी थी। हर दशकीय जनगणना के बाद जनसंख्या के अनुपात में सीटों का बंटवारा होना था। लेकिन, इमरजेंसी के दौरान इस व्यवस्था को पच्चीस सालों के लिए स्थगित कर दिया गया।  २००१ में इस बंटवारे को २०२६ तक टाल दिया गया। अब २०२६ नज़दीक आ रहा है। इसके साथ ही जिन राज्यों में जनसँख्या घटी है, उन राज्यों में लोकसभा के सीटें कम हो जाने का डर एक राजकीय मुद्दा बनकर उभर रहा है। इस ज्वलंत मुद्दे को कैसे समझें? क्या हम किसी समाधान पर पहुँच सकते हैं? चलिए, इसी पर आज की पुलियाबाज़ी करते हैं।  One vote, one value is the basic principle of democracy. Hence, Article 81 of the Indian Constitution mandated a regular redistribution of Lok Sabha seats with changing population. After every decennial census, seats were to be reallocated amongst states in proportion to the population, so that the weight of every vote remains more or less the same across the country. However, du